What Is IPv4 & IPv6 In Hindi - IPv4 & IPv6 में अंतर
What Is IPv4 & IPv6 In Hindi
हेल्लो दोस्तों, कैसे है आप? आज हम IPv4 तथा IPv6 के बारें में पढेंगें. तो चलिए शुरू करते है:-
IPv4 In Hindi:-
IPv4 का पूरा नाम internet protocol version 4 है, यह इन्टरनेट प्रोटोकॉल का चौथा version है. यह एक कनेक्शन विहीन protocol है जिसका प्रयोग packet switched layer नेटवर्क्स(जैसे:-ethernet) में किया जाता है.
इसका प्रयोग नेटवर्क में डेटा पैकेट्स को को होस्ट डिवाइस से डेस्टिनेशन डिवाइस तक डिलीवर करने में किया जाता है.
IPv4 को आजकल भी बहुत से devices में प्रयोग किया जाता है. परन्तु आजकल के devices IPv4 तथा IPv6 दोनों को सपोर्ट करते है.
IPv6 In Hindi:-
IPv6 का पूरा नाम internet protocol version 6 है. यह IPv4 का latest version है तथा इसमें बेहतर तथा एडवांस्ड features है.
IPv4 तथा IPv6 में मुख्य अंतर:-
दोनों ip versions में मुख्य अंतर निम्नलिखित है:-
IPv6
1:-इसमें 128 बिट्स लम्बाई का एड्रेस होता है.
2:-IPv6 एड्रेस एक बाइनरी संख्या होती है जिसे हेक्साडेसीमल में प्रदर्शित किया जाता है.
3:-इसमें fragmentation केवल sender के द्वारा की जाती है
4:-यह मोबाइल नेटवर्क के लिए ज्यादा अनुकूल है.
5:-इसमें header field की संख्या 8 है.
6:-इसकी शुरुआत 1999 में हुई थी.
IPv4
1:-इसमें 32 बिट्स लम्बाई का एड्रेस होता है.
2:- IPv4 एड्रेस भी बाइनरी संख्या होती है जिसे डेसीमल में प्रदर्शित किया जाता है.
3:-इसमें fragmentation sender तथा forwarding routers दोनों के द्वारा की जाती है.
4:-यह मोबाइल नेटवर्क के लिए थोडा कम अनुकूल है.
5:-इसमें header field की संख्या 12 है
6:-इसकी शुरुआत 1981 में हुई थी.
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